Kali Mandir Haveli Kharagpur
हवेली खड़गपुर का धरोहर और आस्था का केंद्र प्राचीन काली मंदिर।
बिहार के अतुलनीय जिला मुंगेर के सभी शक्तिपीठो में सुमार, देवी चंडिका स्थान, तेल्डिहा का तन्त्रपीठ और हवेली खड़गपुर का काली मंदिर अंग क्षेत्र का एक आध्यात्मिक धरोहर है। ईस मन्दरि का पौराणिक महत्व है की जब मुगलकाल के अवर्ण की अवसान होने के समय में 1841 ईसवी में दरभंगा महाराज कामेश्वर महादेव की पूजा की जाती है। अनुसार दरभंगा महाराज स्वयं एक तन्त्र साधक थे, यहाँ के पूर्व पुजारी के हत्या हो जाने के बाद दरभंगा महाराज के वंशज आपकी राजपुरोहित पुरानी दरभंगा जिला, वर्तमान मधुबनी जिले के अंतर्गत अररिया संग्राम निवासी कल्याण सिंह पंडित शिवशंकर मिश्र (अब स्वर्गीय) के 1951 में ई मंदिर के पुजारी ने अधिकृत किया। तब से पंडित जी माता महाकाली की पूजा में लग गए. पण्डित जी को दो पुत्र है पहला का नाम पंडित वेदानंद मिश्र और दूसरे का नाम पंडित वंशानंद मिश्र। अभी के अधिकृत पुजारी पंडित गणानंद मिश्र है जो माता का नित्य दिन पूजा और माता की आराधना करते हैं। कहा जाता है की माता रानी की पूजा से उनके भगतो को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है.
2010 ईशवी के जनवरी महीने के प्रारम्भ में पंडित जी के पौत्र मनोज कुमार रघु जी के सौजन्य से प्रत्येक सप्ताहक मंगलवार के दिन संध्या विशेष आरती का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पास किया गया जो आजतक निरंतर जारी है.
वही परम्परा के निर्वहन करते हुए संयोजक मनोज कुमार रघु सभी भक्त व श्रद्धालु के सहयोग से महा आरती प्रत्येक वर्ष 5 जनवरी के भव्य रूप में आयोजित की जाती है.
संग्रह सौजन्य से :– उमेश कुंवर उग्र। भूतपूर्व प्राचार्य ” हरी सिंह डिग्री कॉलेज ” हवेली खड़गपुर, मुंगेर, बिहार!
Recent Comments